मोहम्मद नसीम खां: कानून के क्षेत्र में समर्पण और सेवा की मिसाल

पूर्व शासकीय अधिवक्ता प्रतापगढ़ न्यायालय मो0 नसीम खां

मोहम्मद नसीम खां प्रतापगढ़ जनपद के एक ऐसे प्रतिष्ठित अधिवक्ता हैं, जिन्होंने अपने ज्ञान, ईमानदारी और निष्ठा से विधिक क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है। कोहंडौर नगर पंचायत के बिजरा गांव निवासी नसीम खां एक साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर कानूनी पेशे में योगदान देने वाले व्यक्तित्व हैं।

उनके पिता श्री अब्दुल वहाब एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी (बीडीओ) के पद पर कार्यरत थे, जिनसे नसीम खां को सेवा, अनुशासन और समाज के प्रति जिम्मेदारी की प्रेरणा मिली। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के विद्यालय से प्राप्त की, जिसके बाद हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई कोहंडौर के प्रतिष्ठित बृजेंद्र मणि इंटर कॉलेज से पूरी की।

शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने निरंतर प्रगति की और स्नातक (बी.ए.) की डिग्री मुनीश्वर दत्त महाविद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने विधिक शिक्षा के लिए फैजाबाद स्थित साकेत विधि विद्यालय से एलएल.बी. की पढ़ाई की। कानून के क्षेत्र में उनकी गहरी रुचि और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें एक प्रभावशाली अधिवक्ता के रूप में स्थापित किया।

पूर्व शासकीय अधिवक्ता मो नसीम खां अपने जूनियर के साथ लीगई तस्वीर

सन 2000 में उन्होंने प्रतापगढ़ जिला न्यायालय में बतौर फौजदारी अधिवक्ता अपने करियर की शुरुआत की। अपने लगन, अनुभव और तर्कशक्ति के बल पर वे शीघ्र ही विधिक समुदाय में सम्मानित नाम बन गए। उनकी सेवाओं और निष्पक्ष कार्यशैली को देखते हुए सन 2016 में उन्हें अपर शासकीय अधिवक्ता (Additional Government Advocate) के रूप में नियुक्त किया गया — यह उपलब्धि उनके पेशेवर जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ थी।

विशेषताएँ:

मोहम्मद नसीम खां अपने शांत स्वभाव, विनम्रता और न्यायप्रिय दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं।

उन्होंने कई महत्वपूर्ण और जटिल मुकदमों में सरकार का सफलतापूर्वक प्रतिनिधित्व किया है।

समाज के गरीब और वंचित वर्गों को न्याय दिलाने में वे हमेशा आगे रहे हैं, और कई मामलों में उन्होंने निशुल्क विधिक सहायता भी प्रदान की है।

उन्हें न्यायपालिका और अधिवक्ताओं के बीच एक सेतु के रूप में भी देखा जाता है, जो समन्वय और सौहार्द बनाए रखते हैं।

निष्कर्ष: मोहम्मद नसीम खां की यात्रा संघर्ष, मेहनत और ईमानदारी की कहानी है। उन्होंने कानून को सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम माना। आज वे युवा अधिवक्ताओं के लिए प्रेरणा हैं और प्रतापगढ़ जनपद की न्याय व्यवस्था में उनका योगदान अनुकरणीय है।

ऐसे व्यक्तित्व समाज को दिशा दिखाते हैं और न्याय की मशाल को प्रज्ज्वलित रखते हैं।

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