प्रतापगढ़ में छेड़खानी के विरोध पर हमला, बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत — शव रख धरने पर बैठे परिजन, गांव में तनाव
प्रतापगढ़: कोहड़ौर थाना क्षेत्र के कुमार गांव में छेड़खानी के विरोध में हुई हिंसा अब गहरे तनाव में बदल चुकी है। 6 जुलाई को गांव की एक किशोरी से छेड़खानी का विरोध करने पर दबंगों ने बुजुर्ग बाबूलाल और उनके परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया था। रॉड और लाठियों से हुए इस हमले में छह लोग घायल हुए थे।

घायलों में शामिल 65 वर्षीय बाबूलाल की हालत गंभीर बनी रही और 9 जुलाई की शाम को प्रयागराज में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
जब देर रात उनका शव गांव लाया गया, तो परिजनों ने अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया और शव को घर पर रखकर धरने पर बैठ गए। पीड़ित परिवार आर्थिक सहायता, शस्त्र लाइसेंस और जमीन के पट्टे की मांग कर रहा है।

इस मामले में कोहड़ौर पुलिस ने 12 आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमला, एससी-एसटी एक्ट और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि दो फरार हैं।
मामला दो समुदायों के बीच का होने के कारण गांव में तनाव की स्थिति है। स्थिति को देखते हुए चार थानों की पुलिस फोर्स, पीएसी, अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र लाल, सीओ सिटी शिवनारायण वैश्य और पट्टी एसडीएम मौके पर डटे हुए हैं।
प्रशासनिक अफसर परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
यह मामला कानून-व्यवस्था के साथ सामाजिक ताने-बाने पर भी सवाल खड़े कर रहा है। लोग पूछ रहे हैं — क्या अब बेटियों के सम्मान की आवाज उठाना जानलेवा साबित होगा?