25-25 हजार के इनामी अपराधी शिवम पांडे और विपिन पांडे उर्फ विकास पांडे को महरूफपुर गेट के पास से गिरफ्तार कर लिया गया है। ये वही आरोपी हैं जिन्होंने बीते 21 जुलाई को पट्टी रजिस्ट्री ऑफिस के बाहर खुलेआम फायरिंग कर दहशत फैलाई थी।
गोलियों की तड़तड़ाहट से बाजार में मचा था हड़कंप
इस फायरिंग के बाद बाजार में अफरा-तफरी मच गई थी। व्यापारियों ने दुकानें बंद कर दीं, लोग जान बचाकर भागे। आमजन को लगा कि करैला और बिहार बाजार कांड की तरह पुलिस इस बार भी मुठभेड़ में अपराधियों को ढेर करेगी। लेकिन मामला कुछ और निकला —
इन अपराधियों का नेटवर्क काफी मजबूत और संसाधनों से भरा था।
पुलिस की सर्जिकल स्ट्राइक – लग्ज़री वाहनों से लदे अपराधियों पर बड़ी कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार के नेतृत्व में ASP (E) शैलेन्द्र लाल, CO पट्टी मनोज रघुवंशी, थाना प्रभारी पंकज राय की विशेष टीम ने
ट्रैकिंग, तकनीकी सर्विलांस और गुप्त मुखबिरी के जरिये इनामियों की घेराबंदी की।
महरूफपुर गेट पर नाकेबंदी के दौरान दोनों अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।
—
गिरफ्तारी में बरामद संपत्ति और वाहन:
पुलिस ने घटना में प्रयुक्त 9 वाहन बरामद किए —
ट्रैक्टर – 02
महिंद्रा लोडर – 01
फोर्ड एंडेवर कार – 01
फोर्स गोरखा कार – 01
️ बुलेट बाइक – 02
️ KTM मोटरसाइकिल – 02
इन वाहन की हालत और नंबर से पुलिस को यह अंदेशा है कि ये नेटवर्क का हिस्सा थे।
—
अब तक गिरफ्तार सभी आरोपियों की सूची:
नाम पता इनाम स्थिति
शिवम पांडे औराइन ₹25,000 गिरफ्तार
विपिन पांडे उर्फ विकास औराइन ₹25,000 गिरफ्तार
जयप्रकाश मौर्य उर्फ चंदू बिरौती – पहले गिरफ्तार
हरीश जायसवाल उर्फ पन्ने डेई धौरहरा – पहले गिरफ्तार
अखिलेश श्रीवास्तव रामकोला – पहले गिरफ्तार
—
फरार अभियुक्त और उनका आपराधिक इतिहास
अब भी 4 बड़े नाम फरार हैं, जिन पर भी ₹25,000 का इनाम घोषित है।
इनमें सुशील सिंह, अजय सिंह उर्फ टक्कू, संतोष सिंह और ओम सिंह शामिल हैं — सभी के खिलाफ पहले से कई संगीन मुकदमे दर्ज हैं।
—
पुलिस ने क्या कहा?
एसपी डॉ. अनिल कुमार ने दो टूक कहा:
> “जनपद में अपराध व अराजकता के विरुद्ध शून्य सहनशीलता की नीति के तहत कार्रवाई हो रही है। कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”
जनता से अपील: कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तत्काल पुलिस को सूचित करें। आपकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
—
क्या यह गैंग संगठित माफिया गिरोह है?
सूत्रों की मानें तो ये गिरफ्तारी भूमि विवाद में सक्रिय माफिया गिरोह की बड़ी कड़ी को तोड़ने जैसी है।
इन अपराधियों के पास मौजूद वाहन, पुराने मुकदमे और फायरिंग का पैटर्न यह दर्शाता है कि यह सामान्य झगड़ा नहीं बल्कि रैकेट की तरह काम करने वाला गिरोह है।
—
– यह सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, अपराध के नेटवर्क की जड़ पर चोट है
इतनी तेजी से पांच आरोपियों की गिरफ्तारी और 09 वाहनों की जब्ती यह दिखाता है कि प्रतापगढ़ पुलिस अब रणनीति के साथ अपराधियों को घेर रही है, सिर्फ भाग्य के भरोसे नहीं।
इस तरह के गैंग, जो रसूख, पैसे और पावर के दम पर कानून को चुनौती देते हैं, अब धीरे-धीरे कानून के शिकंजे में आ रहे हैं।
—
अंत में – प्रतापगढ़ बोलेगा: अब नहीं बचेगा कोई अपराधी
बाजार में गोलियां चलाना अब कोई आसान खेल नहीं
पुलिस की रफ्तार और रणनीति अब हर बदमाश के लिए खतरे की घंटी है
जनता को भी पुलिस का सहयोग करना होगा ताकि यह बदलाव स्थायी हो सके।
—
️ रिपोर्ट: रुस्तम अली, पत्रकार – प्रतापगढ़