प्रतापगढ़। दरोगा को गाली देने का एक ऑडियो हुआ वायरल। उक्त ऑडियो रानीगंज विधायक धीरज ओझा का बताया जा रहा है। जबकि विधायक धीरज ओझा उक्त वायरल ऑडियो को बता रहें हैं, फेंक

वायरल ऑडियो में सिर्फ दरोगा को बिना रोकटोक लगातार दी जा रही है,गाली। सोशल मीडिया में कंधई एसओ अंगद राय को देने वाला बताया जा रहा है। जबकि कंधई थानाध्यक्ष अंगद राय नहीं लिखा सके विधायक रानीगंज धीरज ओझा पर मुकदम

पुलिस की तरफ से विधायक रानीगंज धीरज ओझा द्वारा गाली देने वाले ऑडियो के संदर्भ में नहीं आई कोई सफाई। जबकि दूसरे मामले में 5मिनट के अंदर आ जाती है पुलिस द्वारा मीडिया सेल के माध्यम से सफाई। जब ऑडियो में किसी का नाम लिए बिना लगातार दरोगा और एसओ बोलकर बिना रुके दी जा रही है,गाली। जब गाली देने वाला नहीं ले रहा है,किसी का नाम तो सोशल मीडिया में खबर चलाने वाले किस आधार पर उसे अंगद राय एसओ कंधई से जोड़कर चलाने लगे,खबर.?

यदि वास्तव में सत्ता की हनक दिखाकर भाजपा का दबंग विधायक धीरज ओझा यदि एसओ कंधई अंगद राय को गाली दे रहे हैं तो निश्चित रूप से उन पर मुकदमा लिखकर पुलिस को अपनी इज्जत बचानी चाहिये। साथ ही यह संदेश जनता में देना चाहिये कि कानून की नजर में राजा और रंक एक समान हैं। परन्तु दुःखद स्थिति यह है कि सुबह से ही सोशल मीडिया पर विधायक रानीगंज धीरज ओझा द्वारा दरोगा को गाली देने का ऑडियो वायरल किया जा रहा है और अभी तक पुलिस की तरफ से एक अदद सफाई तक नहीं दी जा सकी। मुकदमा लिखना और कार्यवाही करना तो दूर की बात रह

एक पत्रकार द्वारा व्हाट्सएप के एक मीडिया ग्रुप में लिखा गया कि कहीं यह ऑडियो 307 के मामले में आरोपी के घर दबिश देने के बाद एसओ रानीगंज को फोन करके गाली देने वाला तो नहीं है। यदि पत्रकार जी की आशंका सही है तो विधायक धीरज ओझा का दावा भी सही हो सकता है। क्या कोई पुराना ऑडियो भी है जो पुलिस उसे अब हथियार के रूप में इस्तेमाल कर विधायक धीरज ओझा को लपेटना चाहती हो ? एक तीर से कई निशाना पुलिस से बढ़िया भला कौन लगा सकता है ? फिलहाल जब तक पुलिस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ जाती तब तक कयास ही लगाया जा सकता है

विधायक रानीगंज धीरज ओझा ने माना कि उनके करीबी और उनके कार्यकर्ता हैं,रामेंद्र प्रताप सिंह। धीरज ओझा ने यह भी माना कि कल उनके कार्यकर्ता रामेंद्र प्रताप सिंह के घर पुलिस जेसीबी लेकर गुंडई करने गई थी। उन्हें जानकारी हुई वो पुलिस के कारनामों की शिकायत एडिशनल एसपी और सीओ रानीगंज से जरिये फोन द्वारा की थी। एसओ कंधई से तो उनकी बात ही नहीं हुई। फिर वायरल ऑडियो सच नहीं है। कोई भी ऑडियो को सच साबित कर दे, तो वह राजनीति करना छोड़ देंगे। ये ऑडियो उनकी नहीं है। ये एडिट करके बनाई गई ऑडियो है। ये विरोधियों द्वारा उनको बदनाम करने की चाल है

वहीं पुलिस टीम पर हमले के आरोपी रामेंद्र प्रताप सिंह की पुत्री मोनिका सिंह का मीडिया के जरिये बयान आया सामने। पुलिस टीम पर हमले के मुख्य आरोपी रामेंद्र प्रताप सिंह की पुत्री मोनिका सिंह का पुलिस पर आरोप है कि पुलिस टीम बिना महिला सिपाही के ही उनके घर में घुसकर तोड़फोड़ की। बिना वारंट दिखाए उसका दरवाजा खोलवाकर घर में बिना महिला सिपाही लिए घर के अंदर घुसकर जमकर पुलिसिया तांडव किया। जबकि घर में सिर्फ महिलाएं ही थी। महिलाओं के विरोध करने पर पुरुष सिपाहियों द्वारा घर के अंदर महिलाओं को भी मारापीटा गया है। घटना के दूसरे दिन पुलिस पर भी लग रहा है,गंभीर आरोप

रानीगंज विधायक धीरज ओझा का सवाल है कि किसी भी मामले में पुलिस बिना राजस्व टीम के न तो माप करने कहीं जाती है और न ही किसी पक्ष का कब्जा हटाकर किसी पक्ष के हक में कब्जा कराने ही जाती है। वहाँ नाली का विवाद था तो पुलिस को बिना राजस्व टीम लिए जाना ही नहीं चाहिए। पुलिस का काम है,शांति ब्यवस्था बनाये रखना। न कि आबादी की जमीन अथवा नाली के विवाद का निस्तारण करना है। पुलिस की भूमिका खुद संदिग्ध है। वो अपने कार्यकर्ताओं के हक की लड़ाई लड़ने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। वशर्ते वह जो भी लड़ाई लड़ेंगे वो विधि सम्मत होगी। क्योंकि वह विधायक के साथ-साथ अधिवक्ता भी हैं। गाली देने वाली ऑडियो एडिट की गई है। वह फेंक हैं। यह उनके विरोधियों की चाल है

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