यूपी पंचायत चुनाव लड़ चुके प्रत्याशियों को लग सकता है लगड़ा झटका, जानें पूरा मामला
प्रधान, बीडीसी, सदस्य ग्राम पंचायत, ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव निपट गया। शपथ के बाद जीते प्रत्याशियों ने अपना कामधाम शुरू कर दिया है। हारे प्रत्याशी भी अपना गम भुलाकर अपने काम में जुट गए हैं। इन सबके बीच चुनाव के दौरान मैदान में उतरे प्रत्याशियों ने जो जमानतराशि जमा की थी उसको वापस लेने के लिए आवेदन ही नहीं किया। खास बात यह है कि न तो चुनाव का खर्च दिया न जमानतराशि वापसी का आवेदन किया। प्रशासन ने जमानत राशि वापसी के लिए चुनावी खर्च देने की अन्तिम तिथि दो अगस्त निर्धारित की थी। यह तिथि निकल गई अब सभी की जमानत राशि जब्त हो जाएगी।
पंचायत चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों से कहा गया था कि वह चुनाव खर्च जरूर दें। चुनाव खर्च देना जरूरी है। मतगणना के 90 दिनों के अन्दर चुनाव खर्च का विवरण देते हुए जमानत राशि वापसी के लिए आवेदन करना होता है। एडीएम अरुण सिंह ने करीब 15 दिन पहले चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों से कहा था कि वह अपना चुनाव खर्च का विवरण तुरंत दे दें। अन्तिम तिथि दो अगस्त निर्धारित की गई थी। यह तिथि निकल गई है, लेकिन चुनाव जीतने व हारने वाले उम्मीदवारों ने न तो चुनाव खर्च का विवरण दिया और न ही जमानत राशि वापस पाने के लिए आवेदन किया। अब जिन्होंने आवेदन नहीं किया है उन सभी की जमानत राशि जब्त हो जाएगी। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी मधुलिका का कहना है कि चुनाव खर्च का विवरण देने के लिए जो समय निर्धारित किया गया था वह पूरा हो गया है। सभी पदों पर हजारो उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन चुनाव खर्च नहीं दिया।
दो अगस्त की तिथि चुनाव खर्च व जमानतराशि जमा करने की अन्तिम तिथि निर्धारित की गई थी। प्रधान, बीडीसी, सदस्य जिला पंचायत, सदस्य ग्राम पंचायत, ब्लॉक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले ज्यादातर लोगों ने चुनाव खर्च ही नहीं दिया। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाले 11 लोगों ने खर्च का विवरण दिया। बीडीसी चुनाव लड़ने वाले 11, प्रधान का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में महज 10 लोगों ने चुनाव खर्च का विवरण दिया। ग्राम पंचायत सदस्य के लिए महज एक ने आवेदन किया। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतने वाले ओमप्रकाश भार्गव ने चुनाव खर्च देने के साथ ही जमानतराशि वापसी को आवेदन किया है। ब्लॉक प्रमुख में सिर्फ एक प्रत्याशी जिन्होंने नाम वापस ले लिया था उन्होंने आवेदन किया था। बाकी किसी भी प्रत्याशी ने न तो चुनाव खर्च का विवरण दिया न जमानतराशि वापसी को आवेदन किया।