उत्तर प्रदेश का कुशीनगर जिला पिछड़े इलाकों में आता है, जहां अशिक्षा और गरीबी हैं. अशिक्षित लोग अक्सर अंधविश्वास मे पड़ जाते हैं. सरकार कोरोना महामारी के लोगो को जागरूक करने का दावा करती है जिम्मेदार लोगों की जागरूकता सरकारी कागजों में ही दिखाई दे रही है. लापरवाही को प्रमाणित करती यह तस्वीर है जहां महिलाएं खेतों में खड़ी होकर “कोरोना माई” की पूजा कर रही हैं.

कुशीनगर ।पडरौना शहर में सुबह लगभग 4 बजे से ही महिलाएं खाली खेतों के साथ मैदान में इकट्ठा होने लगी. पूछने पर पता लगा कि यह कोरोना महामारी से बचने के लिए ‘कोरोना माई’ की पूजा करने के लिए इकट्ठा हो रही हैं. जमीन में छोटा सा गड्ढा खोदने के बाद उसमें पानी डालकर महिलाओं ने उसे ‘कोरोना माई’ का नाम दे दिया. महिलाएं नहा-धोकर नौ लड्डु, नव गुड़हल का फूल, नौ लौंग, अगरबत्तियां, कपूर और लोटे में जल लेकर घर से बाहर कोरोना बीमारी को ‘कोरोना माई’ का नाम देकर पूजा करने पहुंच गईं.

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