ग्राम पंचायत में प्रधान पद,बीडीसी के कई उम्मीदवार जहां चुनावी समर में अपनी ताल ठोकते हुए दिखाई दे रहे हैं लेकिन अभी निर्भीक होकर चुनाव प्रचार खुलकर नहीं कर पा रहे हैं उसका सिर्फ एक ही कारण है कि आरक्षण के बिना कहीं उनका परिश्रम व्यर्थ ना हो जाए फिर भी प्रत्याशी अपने हिसाब से अपनी सीट सामान्य ओबीसी या यसी एसटी की बात लोगों के बीच रख रहे हैं और यह भी आश्वासन दे रहे हैं की इस बार अपने ही जाति का सीट होगी । कोई प्रत्याशी अपनी पहुँच के माध्यम का हवाला दे रहा है तो कोई अपने हिसाब से सीट का गणित लगा कर लोगो के बीच पहुँच रहा है । हालांकि परिसीमन हो जाने के बाद क्षेत्र के जातिगत रिपोर्ट डीपीआरओ कार्यालय से लखनऊ भेजी जा चुकी है अब देखना होगा कि कब आरक्षण की सूची जारी की जा सकती है।
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