त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में महिलाओं की बड़े पैमाने पर भागीदारी के दौरान जाति निर्धारण को लेकर आयोग ने अफसरों को सतर्क किया है। कहा है कि अनारक्षित वर्ग में जन्म लेने वाली महिलाएं अनारक्षित वर्ग में ही रहेंगी। आरक्षित वर्ग यानी अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के पुरुष से शादी कर लेने अथवा आरक्षित वर्ग द्वारा गोद लिए जाने से उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। इसी प्रकार आरक्षित वर्ग की महिलाएं अनारक्षित वर्ग का लाभ किसी दशा में नहीं ले सकती हैं। आयोग ने इस बाबत दो प्रपत्र भी जारी किया है। चुनाव के दौरान महिलाओं को इस फार्म को भरना अनिवार्य है। आरक्षित वर्ग में दावा करने वालो को बकायदा नोटरी भी देनी होगी। साथ ही जाति प्रमाण पत्र भी देना अनिवार्य होगा।

आरक्षण को लेकर तरह -तरह के फंडे
गांवों में आरक्षण का लाभ लेने के लिए तरह तरह के फंडे अपनाने के मामले प्रकाश में आते रहते हैं। कुछ लोग आरक्षित वर्ग का लाभ लेने के लिए महिलाओं को उसी वर्ग की सीट पर मैदान में उतार देते हैं। समाज में उस दौरान उसी वर्ग के होने का दावा करते हैं। जुगाड़ से जाति प्रमाण पत्र भी फर्जी संलग्न कर देते हैं। बताया जा रहा है कि आयोग ने इसी को ध्यान में रखकर यह आदेश दिया है ताकि नामांकन के दौरान सावधानी बरती जाए। आगे जाति को लेकर विवाद न हो।

सहकारी बकाएदार नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
समितियों के बकायेदार हैं तो अबकी पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। सहायक आयुक्त सहकारिता वीके सिंह ने कहा कि सहकारी समितियों के बकायेदारों को पंचायत चुनाव लडऩे के लिए समिति का बकाया हरहाल में जमा करना आवश्यक होगा। वरना चुनाव नहीं लड़ सकेंगे

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