प्रतापगढ़ ज़िलें में हॉस्पिटल की लापरवाही हुई उजागर डिलवरी केस मे हॉस्पिटल कैबगई महिला की की मौत,मचा हड़कंप

नीलम पत्नी राम सिंह थाना संग्रामगड़ तहसील लालगंज जिला प्रतापगढ़ नीलम को तनू हॉस्पित कुंडा डिलवरी के केस मे ले जाए गया था वहा पे इनके इलाज मे कोताही और नए नए नर्सो को लगा दिया नर्स नए होने की वजह से पीड़िता का पेट जायदा तेज़्ज़ दबा दिया गया जिसके कारण पीड़िता की बच्चेदानी की नस फट गई ब्लीडिंग इतना हुई की वो अपनी जान गवा बैठी जब खून जायदा मात्रा मे गिरने लगा तो डॉ साहब ने 50000 की मांग करने लगे या फिर यहां से तुरंत निकाल ले जाने की बात करने लगे नीलम के छोटे छोटे बच्चों का रो कर बुरा हाल है
तनू हॉस्पिटल मे पहला केस नहीं है जब यहां ऐसा हुआ है महीने मे दो चार केस ऐसे होते है जहा ऐसे गरीब को परेशान किया जाता है केस को बड़ा बनाया जाता है फिर उनसे लाख या 50 हजार की मांग की जाति है उत्तर प्रदेश मे अब ये आम बात हो गई एक तो नार्मल डिलवरी कराते नहीं है अगर आप ने जरा भी ऑप्रेशन मे आना कानी की तो समझो आपके पेसेंट की जान गई जैसे की नीलम के साथ मे हुआ आपके जानकारी के लिए बता दूँ इंजेक्शन दो प्रकार के होते है जो डिलवरी के वक़्त ये लोग यूज़ करते है 1.इंजेक्शन ये होता है जिससे दर्द बढ़ता है और बच्चे आसानी से बाहर आ जाते है 2. इंजेक्शन ये होता है की उसको लगाने से दर्द ख़तम हो जाता है और बच्चे होने मे कठिनाई होने लगती है ये हॉस्पिटल वाले आज कल 2. वाला इंजेक्शन लगा देते है ताकि मामला को बढ़ाया जाए और गरीबो से ऑप्रेशन के नाम पे पैसा वसूला जाए ये इंसानियत है डॉ. को दुनिया का भगवान कहा गया है ये लोग ऐसा काम कर रहे है जिससे सिर्फ इनको पैसो की मोह माया है इंसान के जान की कीमत नहीं होती नीलम की डेथ हो चुकी है छोटे छोटे बच्चे अनाथ हो गए है अब उन बच्चो का कोई शहारा नहीं है डॉ की लापरवाही की वजह लगभग एक परिवार की 5 सदस्यों की ज़िन्दगी अन्धकार मे डाल दिया गया है
मैं प्रसासन से पुरो जोर अपील कर्ता हूँ की इसपे कठोर से कठोर कार्यवाई की जाए और हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द किया जाए

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