ग्वालियर: विद्युत वितरण कंपनी ने आधा सैकड़ा लोगों को करोड़ों रुपये से लेकर अरबों रुपये के बिल थमा दिए थे। इतना अधिक राशि का बिल देखकर कई लाेगाें की ताे हालत ही खराब हाे गई और अस्पताल जाना पड़ा। इस मामले में हंगामा हाेने के बाद एपीओ काे बर्खास्त कर दिया है, जबकि असिस्टेंट रेवेन्यू आफिसर काे निलंबित किया गया है। इसके अलावा जूनियर इंजीनियर काे भी कारण बताओ नाेटिस जारी किया गया है।
दरअसल इतने अधिक राशि के बिजली बिलों के आने के बाद लोग तत्काल भागते हुए विद्युत वितरण कंपनी के दफ्तर पहुंचे। वहां पर इसकी जांच की तो पता चला कि मीटर रीडर ने उपभोक्ता की रीडिंग को डालने की जगह उसका सर्विस क्रमांक डाल दिया। रीडिंग 100 से 200 या 300 यूनिट के आसपास होती है, जबकि सर्विस क्रमांक 10 अंकों का होता है। सर्विस क्रमांक डालते ही बिल अरबों रुपये में जनरेट हो गया। हालांकि विद्युत वितरण कंपनी ने बिलों को ठीक करना शुरू कर दिया था। विद्युत वितरण कंपनी ने अलकापुरी स्थित मेट्रो टावर के पास रहने वाली प्रियंका गुप्ता के घर 34 अरब 19 करोड़ 53 लाख 25 हजार 293 रुपये का बिल थमा दिया। बिल देखते ही प्रियंका गुप्ता का सिर चकरा गया। वह बिल लेकर सीधे विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के पास पहुंची। इसके बाद जब जांच पड़ताल की गई तो पता लगा कि मीटर रीडर ने रीडिंग की सर्विस क्रमांक डाल दिए हैं।
ऊर्जा मंत्री ने लिया संज्ञान, हुई कार्रवाईः बिजली बिल काे लेकर हंगामा हाेने के बाद ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह ताेमर ने भी अधिकारियाें से जवाब तलब किया। पहले अफसर इस मामले काे मानवीय भूल मानकर टालने की काेशिश कर रहे थे, लेकिन ऊर्जा मंत्री की जानकारी में मामला आने के बाद दाे अधिकारियाें पर कार्रवाई के साथ ही जूनियर इंजीनियर काे नाेटिस जारी किया गया है
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