यूपी-प्रतापगढ़ के नाम फिर दर्ज हुआ एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड
चार आईएएस भाई-बहनों का नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में हुआ दर्ज,रचा इतिहास
प्रतापगढ़।उत्तर प्रदेश का बड़का जिला प्रतापगढ़ हमेशा सुर्खियों में रहता है।खासकर अपराध को लेकर सुर्खियों में रहता है।जिले के चार सगे भाई बहनों ने देश की सर्वोच्च परीक्षा में परचम लहराकर इतिहास रचा है।अब विश्व स्तर पर कीर्तिमानों का रिकार्ड रखने वाली संस्थाओं में भी परचम लहराया है।भाई बहनों का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड व एशिया रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है।छह महीने की छानबीन के बाद इनके नाम को एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।
आईएएस में सबसे अधिक सगे भाई-बहनों का रिकार्ड
देश की सर्वोच्च परीक्षा आईएएस में सबसे ज्यादा सगे भाई-बहनों के रूप में स्थान बनाने वालों में प्रतापगढ़ के एक ही परिवार के इन भाई बहनों की उपलब्धि रही है। इस कारण इनका नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड व एशिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हुआ है।संस्था की ओर से इनको इसकी सूचना दी गई।
बैंक प्रबंधक के चार बच्चों ने नाम किया रोशन
प्रतापगढ़ जिले की लालगंज तहसील के इटौरी मकनपुर निवासी बड़ौदा ग्रामीण बैंक में शाखा प्रबंधक पद से रिटायर्ड अनिल मिश्र के चारों बच्चे शुरू से ही मेधावी थे। इनके बेटे योगेश और लोकेश और बेटी क्षमा व माधवी ने देश की सर्वोच्च सेवा आईएएस परीक्षा में सफलता हासिल की। इन चारों की प्रारंभिक शिक्षा लालगंज के पुनीत जूनियर हाई स्कूल और इसके बाद इंटर तक की शिक्षा राम अंजोर मिश्र इंटर कालेज में हुई।योगेश ने मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक की पढ़ाई की।क्षमा ने हेमवती नंदन बहुगुणा पीजी कॉलेज लालगंज से हिंदी में एमए की परीक्षा उत्तीर्ण की। माधवी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीजी किया।लोकेश ने दिल्ली से आईआईटी की पढ़ाई पूरी की।क्षमा का आईपीएस और योगेश का आईएएस में चयन हुआ।क्षमा की तैनाती बेंगलुरु में है।योगेश की तैनाती शाहजहांपुर में हैं। 2015 में माधवी और लोकेश का आईएएस में चयन हुआ।
माधवी इन दिनों डीएम रामगढ़ झारखंड एवं लोकेश कोडरमा झारखंड मे सीडीओ हैं।
अब गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज करने की तैयारी
आईएएस योगेश मिश्र ने बताया कि छह माह पूर्व इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड और एशिया बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज करने के लिए आवेदन किया था। एजेंसियों ने करीब छह महीने तक इसकी बाकायदा छानबीन की।सप्ताह भर पहले दोनों रिकार्ड में नाम दर्ज होने की अधिकृत रूप से पुष्टि की गई। इसी माह यानी सितंबर 2022 में दोनों संस्थाओं से सर्टिफिकेट व मेडल प्राप्त होगा।गिनीज बुक आफ रिकार्ड में भी हम चारों भाई-बहनों के नाम दर्ज होने की प्रक्रिया चल रही है।
एक और रिकार्ड भी झोली में आ सकता है
योगेश का दावा है कि जल्द ही खुद के मार्गदर्शन में एक वर्ष में सर्वाधिक अभ्यर्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित करवाने का रिकार्ड भी दर्ज कराने में सफल होंगे। बीते आठ वर्षों में अभी तक 150 परीक्षार्थियों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल कराने में सफलता हासिल हो चुकी है।
क्या कहते हैं चार आईएएस के पिता
राम अंजोर मिश्र इंटर कालेज के शिक्षक विजय तिवारी का कहना है कि चारों बच्चे बचपन से ही मेधावी थे।इनकी प्रतिभा को निखारने में वो खुद भी सम्मानित हो चुके हैं। चारों भाई-बहन अपनी सफलता में गुरुजनों के साथ ही पिता, मां कृष्णा, बाबा व प्रधानाचार्य रहे स्वर्गीय राम किशोर मिश्र, चाचा शिक्षक ज्ञान प्रकाश मिश्र काे श्रेय देते हैं। फिलहाल एक ही परिवार से चार आईएएस होने से परिवार की ख्याति बढ़ी है और क्षेत्र और जिले के लोग भी गर्व करते हैं।