निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने में फिर फंसा पेंच

पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लेकर हाईकोर्ट में नई याचिका

10 अप्रैल को होगी सुनवाई। अब देखना होगा कि कोर्ट क्या सुनवाई करता है लेकिन एक बात साफ है कि अब जब भी कोई चुनाव की तारीखों का एलान होने वाला होता है कोर्ट में एक नई याचिका दाखिल हो जाती है ऐसे ही जब पंचायत चुनाव की डेट आने वाली थी तो भी एक याचिका दाखिल हो गई जिससे कुछ महीनो के लिए चुनाव नही हुआ था बाद में कुछ महीनो के बाद चुनाव हुआ ऐसे है जब निकाय चुनाव के आरक्षण जारी हुआ तो कोर्ट में मामला पहुंच गया और 3 महीने के बाद कोर्ट ने चुनाव कराने के लिए आदेश दे दिया है अब एक और नई याचिका देखना होगा 10 को न्यायालय का क्या आदेश आता है।

निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार के आरक्षण संबंधी अध्यादेश समेत पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली एक नई याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में दाखिल की गई है। कोर्ट 10 अप्रैल को इस पर सुनवाई करेगा। शुक्रवार को न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ में मुरादाबाद जिले की ठाकुरद्वारा नगर पंचायत सीट आरक्षित होने को लेकर यह याचिका सुहैल खां ने अधिवक्ता शरद पाठक के माध्यम से दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि नगर पालिका अधिनियम में पहले पुराने नियम के तहत राज्य स्तर पर सीटों का आरक्षण तय करने का नियम था। अब अध्यादेश संख्या -3 के माध्यम से नियम संशोधित कर नए नियम के तहत मंडल व जिला स्तर पर आरक्षण निर्धारित किया गया है। यह पूरी तरह से कानून की मंशा के खिलाफ है। याचिका में उप्र राज्य स्थानीय निकाय समर्थित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को भी यह कहते हुए चुनौती दी गई है कि इसमें ओबीसी के राजनीतिक पिछड़ेपन का अध्ययन किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया।

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