तीन दिन से लापता युवक की गिरफ्तारी पर सस्पेंस गहराया — परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप, पुलिस चुप!

प्रतापगढ़ | कंधई थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बिबिया करनपुर (डेंगुरपुर) निवासी महबूब अली द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों ने जिले में सनसनी फैला दी है। महबूब अली का कहना है कि उनके पुत्र को तीन दिन पूर्व पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया, लेकिन तब से लेकर अब तक न तो कोई आधिकारिक सूचना दी गई है और न ही उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। परिजनों को गहरी आशंका है कि पुलिस किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में है।

गिरफ्तारी का रहस्य – परिजन परेशान, प्रशासन मौन

महबूब अली ने बताया कि उनका बेटा थाना कंधई में दर्ज एक आपराधिक मुकदमे में आरोपी है और उसने अग्रिम जमानत के लिए प्रयागराज की अदालत में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई 4 अगस्त 2025 को होनी थी। लेकिन सुनवाई से ठीक एक दिन पहले, यानी 3 अगस्त को, उसे कथित रूप से गुजरात से गिरफ्तार कर लिया गया। परिजनों का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद से पुलिस ने युवक के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है, जिससे परिवार बेहद चिंतित और भयभीत है।

“कहीं किसी फर्जी मुठभेड़ की साजिश तो नहीं?”

महबूब अली ने सवाल उठाया कि यदि पुलिस ने युवक को कानून के तहत गिरफ्तार किया है, तो उसे न्यायालय में पेश क्यों नहीं किया गया? परिवार का कहना है कि यह पूरी घटना संदेह के घेरे में है। उन्हें आशंका है कि पुलिस किसी बड़ी वारदात की पटकथा रच रही है और उनके बेटे को उसमें बलि का बकरा बनाया जा सकता है।

मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन!

कानून के जानकारों का कहना है कि किसी भी गिरफ्तारी की सूचना 24 घंटे के भीतर परिजनों को देना और अभियुक्त को मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। यदि महबूब अली के आरोप सही हैं, तो यह सीधे तौर पर मानवाधिकारों का उल्लंघन है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़े करता है।

पुलिस प्रशासन की चुप्पी रहस्यमयी

पूरे मामले पर पुलिस प्रशासन की चुप्पी और भी ज्यादा संदेह पैदा कर रही है। न तो कंधई थाना पुलिस की ओर से कोई अधिकारिक पुष्टि की गई है और न ही सीओ स्तर पर कोई बयान सामने आया है। स्थानीय स्तर पर तरह-तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं।

क्या बोले स्थानीय जनप्रतिनिधि

मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधियों ने भी चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि यदि युवक की गिरफ्तारी हुई है तो उसे न्यायालय में पेश किया जाना चाहिए। परिजनों को अंधेरे में रखकर की जा रही कार्रवाई किसी भी रूप में न्यायसंगत नहीं कही जा सकती।

परिजनों ने जताई न्यायिक हस्तक्षेप की मांग

महबूब अली ने जिले के उच्चाधिकारियों और न्यायपालिका से गुहार लगाई है कि उनके पुत्र को अविलंब न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए और मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। उन्होंने आशंका जताई है कि यदि समय रहते न्यायिक हस्तक्षेप नहीं हुआ तो उनके पुत्र के साथ कुछ अनहोनी हो सकती है।

 क्या अब पुलिस अपनी चुप्पी तोड़ेगी?
 तीन दिन से हिरासत में युवक को क्यों नहीं किया गया प्रस्तुत?
 क्या प्रतापगढ़ में फिर कोई फर्जी मुठभेड़ की पटकथा लिखी जा रही है?

ये सवाल अब जिलेभर में चर्चा का विषय बन चुके हैं। पीड़ित परिवार को इंसाफ मिलेगा या यह मामला भी कई अन्य मामलों की तरह फाइलों में दब जाएगा – यह आने वाला समय ही बताएगा।

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