रानीगंज में सांप के काटने से 12 वर्षीय किशोर की मौत, परिवार में पसरा मातम

प्रतापगढ़। जनपद के रानीगंज थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में शुक्रवार की देर रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। गांव निवासी हरिश्चंद्र का 12 वर्षीय बेटा कार्तिकेय सांप के डंसने से असमय काल के गाल में समा गया। अचानक घटी इस घटना से परिवार समेत पूरे गांव में मातम छा गया।

जानकारी के अनुसार, कार्तिकेय रात करीब दो बजे अपनी मां के साथ घर में सो रहा था। इसी दौरान घर में मौजूद एक जहरीले सांप ने उसे डस लिया। सांप के डसते ही कार्तिकेय की हालत बिगड़ने लगी। जब परिजनों को घटना का अहसास हुआ तो वे आनन-फानन में उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरा ले गए। वहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार कर हालत गंभीर देखते हुए कार्तिकेय को मेडिकल कॉलेज प्रतापगढ़ रेफर कर दिया।

लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। मेडिकल कॉलेज पहुंचते ही चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस खबर के साथ ही हरिश्चंद्र का पूरा परिवार रो-रोकर बेहाल हो गया। मासूम की मौत की सूचना मिलते ही गांव में सन्नाटा पसर गया। कार्तिकेय दो भाइयों में सबसे छोटा था और परिवार का दुलारा माना जाता था।

घटना के अगले दिन सुबह परिजनों ने आसपास की मदद से सपेरा राजनाथ को बुलाया। गांव के रोहखुर्द से आए सपेरे ने घर में बने एक बिल में इंजन से पानी डलवाया। कुछ ही देर में बिल से वही जहरीला सांप बाहर निकल आया। सांप को बाहर आते देख बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जुट गए। ग्रामीणों ने बताया कि इस सांप को पहले भी आसपास देखा गया था, लेकिन यह पहली बार किसी पर जानलेवा हमला कर बैठा।

कार्तिकेय की मौत से परिवार पूरी तरह से टूट गया है। पिता हरिश्चंद्र के आंसू थम नहीं रहे। मां की हालत विलाप के बीच बार-बार बिगड़ रही है। परिजनों का कहना है कि बच्चे की पढ़ाई में गहरी रुचि थी और वह हमेशा डॉक्टर बनने का सपना देखा करता था। लेकिन अचानक हुई इस घटना ने उसके सपनों के साथ पूरे परिवार को भी चकनाचूर कर दिया।

ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में बरसात के मौसम में सांप निकलने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। गांवों में नालियों और कच्चे घरों के आसपास सांप आसानी से घुस जाते हैं, जिससे बच्चों और बुजुर्गों पर हमेशा खतरा बना रहता है। ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जाए और समय पर एंटी स्नेक डोज़ की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए, ताकि किसी की जिंदगी बचाई जा सके।

मासूम कार्तिकेय की मौत ने न सिर्फ उसके परिवार को बल्कि पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है। जहां हर किसी की जुबान पर बस यही सवाल है कि आखिर किस्मत ने इतनी छोटी सी उम्र में ही मासूम की जिंदगी क्यों छीन ली।

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