प्रयागराज से साबिर अली की रिपोर्ट

प्रयागराज। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजना अंतर्गत सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज के वानिकी महाविद्यालय द्वारा ग्रामीण कृषि मौसम सेवा किसान जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

डा० प्रवीन चरन ने बताया कि मौसम विज्ञान के द्वारा दिए गए सुझाव के अनुसार यदि खेती करते हैं तो हमें निश्चित लाम प्राप्त होगा क्योकि मौसम के द्वारा पता लगाकर खेती की सिंचाई, गुडाई, बुवाई आदि से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है । उन्होने बताया कि शुआट्स के द्वारा सप्ताह में मौसम पूर्वानुमान दो बार घोषित किया जाता है तथा किसान पोर्टल पर तथा अखबारों के माध्यम से एवं सोसल मीडिया द्वारा निरंतर मौसम पूर्वानुमान भेजा जाता है और किसाने को खेती की नई नई तकनीकी जानकारी दी जाती है। जैसा कि अनुमानित किया गया है कि मौसम लगभग पिछले वर्ष की अपेक्षा 15 दिन आगे बढ गया जिसके कारण हमे ऐसी प्रजातियों का चुनाव करना चाहिए जो कि इस मौसम में प्रतिकूल हो ।
डा प्रवीन चरण ने बताया शियाट्स में यह वेधशाला 2001 से चल रही जिसमें काफी किसान लाभान्वित हो रहे हैं। किसानों को तकनीकी जानकारी देने के लिए समय-समय पर गोष्ठी एवं प्रशिक्षण भी आयोजित किया जाता है।
प्रसार निदेशालय के वैज्ञानिक डा 0 मुकेश पी 0 मसीह ने बाताया कि मौसम को देखते हुए खेती करते हैं तो लाभ अवश्य होगा । सब्जी एवं फूलों की खेती के बारे में विशेष जानकारी देते हुए उन्होने मौसम के प्रभाव पर तमाम तथ्यों की जानकारी दी ।
डा 0 सर्वेन्दर कुमार ने बताया कि मौसम को देखते हुए अगर हम फसलों का चुनाव करें और उनके रोपण का कार्य करें तो हमें निश्चित लाभ होगा
इस मौके पर ग्राम प्रधान , राजेश , बी 0 डी 0 सी 0 संजय कुमार सहित ग्राम सभा के लगभग 100 ग्रामवासियों इस परामर्श कार्यशाला में उपस्थित होकर जानकारी प्राप्त की ।

Facebook Comments