भारत में टीयूबर ग्लोसेस से हर साल कम से कम 5 लाख लोग मर जाते है मलेरिया से लगभग 2 लाख लोग मर जाते हैं हेपेटाइटिस से 75 हज़ार लगभग इसी तरह से कई बीमारियां हैं जिससे करीब 12 लाख लोग सालाना मरते हैं तो आखिर कोरोना से इतना डर किउ ? पूरा देश आखिर बंद कैसे हो गया?
आइये थोड़ा समझते हैं !
क्या आपको पता है चाइना आज भी गूगल का प्रयोग नहीं करता उसका खुद का एप है चाइना यूट्यूब का इस्तेमाल नहीं करता बल्कि उसका खुद का अपना यूट्यूब है चाइना फेसबुक का इस्तेमाल नहीं करता , टीयूटर का इस्तेमाल नहीं करता असल में चाइना अपने को दुनिया से छुपा कर रखता है यहां तक चाइना में अखबार भी सिर्फ चाइनीज़ में ही छपते हैं!
अब आते है कोरोना पर 17 मार्च से अचानक चीन से कोरोना गायब होना सुरु हो गया आज चाइना में कोई मौत कोरोना से नहीं हो रही है थोड़े बहोत केस जो मिल भी रहे हैं वो विदेश से आये हुए लोग हैं!
आखिर चीन से कोरोना गया कहाँ?
कोरोना पर एक प्रसिद्ध पत्रकार नें कहा कि कोरोना फैलाने से पहले चाइना नें उसकी बैक्सीन बनाई और तब तक अपने फ्रिज में रखी जब तक कोरोना पूरी दुनिया में ना फैल जाये!
अब आगे की बात दोस्तों चीन दुनिया के इन्वेस्टमेंट का हब बन गया था कोरोना के आने के बाद वही विदेशी इन्वेस्टर औने पौने दाम पर अपना शेयर बेच कर चाइना से भाग गए!
उसके बाद चीन नें एक ही दिन में कोरोना को लगभग 99% अपने यहां से गायब कर दिया आज हाल ये है कि चीनी नागरिक जिन देशों में इन्वेस्ट करते थे उनकी कमर लगभग टूट गई है!!
ये एक युद्ध है इकोनॉमी का जिसमें चाइना जीत चुका है और पूरी दुनिया तबाह हो चुकी है हो सकता है इस युद्ध में चाइना नें अपने कुछ लोंगों को खो दिया हो लेकिन जहां दुनिया की इकोनॉमी धरातल में जा रही है वहीं चाइना की इकोनॉमी बढ़ रही है!!
लेकिन हम भारतीयों को हराना इतना भी आसान नहीं है हम ऐसे छोटे मोटे वायरस से रोज लड़ते है हम भगवान अल्लाह गुरु नानक को मानने वाले लोग हैं हम भगवान से लड़ते नहीं बल्कि पूजा करते हैं उनको खुश करने के लिए इबादत करते हैं हमको यक़ीन है हमारी हिफाज़त वही करेगा जिसने हमको पैदा किया है!!
-जावेद खान