छात्रावास खाली कराने गए विश्वविद्यालय प्रशासन को छात्रसंघ की ताकत के आगे खाली हाथ उल्टा वापस होने को मजबूर होना पड़ा

आज अचानक इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक नोटिस जारी करते हुए समस्त इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रावासों के छात्रों को तत्काल अपने कमरे खाली कराने का नोटिस छात्रावासों के मुख्य द्वार पर प्रशासन द्वारा चस्पा किया गया और नोटिस जारी होने के 1 घंटे के अंदर विश्वविद्यालय प्रशासन जिसमें चीफ प्रॉक्टर आरके उपाध्याय डीएसडब्ल्यू के पी सिंह समेत भारी पुलिस बल के साथ जीएन झा छात्रावास पहुंचकर छात्रों से कमरा खाली करवाने लगे।

प्रशासन के जी एन झा छात्रावास पहुंचने की सूचना मिलते ही छात्रसंघ उपाध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में समस्त छात्रावासों के सैकड़ों अन्तवासी सर्वप्रथम इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन पर एकत्रित हुए उसके बाद हुंकार भरते हुए नारे लगाते हुए जुलूस की शक्ल में जी एन झा छात्रावास पहुंच गए और वहीं पर छात्रावास खाली कराने के विरोध में छात्रावास परिसर में धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी।

धरने पर सैकड़ों छात्रों को बैठा देखकर अतिरिक्त पुलिस बल सहित कर्नलगंज सी ओ एसीएम मौके पर पहुंचे परंतु छात्र अपनी मांगों पर डटे रहे,छात्रों के बढ़ते हुए आक्रोश को देखकर अन्ततः विश्वविद्यालय प्रशासन को अपनी हठधर्मिता छोड़नी पड़ी और उल्टे पांव लौटने को मजबूर होना पड़ा और उसके पश्चात छात्रों ने आपस में मीटिंग करते हुए निर्णय लिया कि बार-बार विश्वविद्यालय प्रशासन के तुगलकी फरमान के कारण हो रहे लॉक डाउन के उल्लंघन और मानसिक प्रताड़ना के खिलाफ थाने में उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने चीफ प्रॉक्टर आरके उपाध्याय व डीएसडब्ल्यू केपी सिंह के खिलाफ नामजद तहरीर दी और मुकदमा दर्ज कराने की मांग की।

छात्र अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इस वैश्विक महामारी में इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन अपने तुगलकी फरमान जारी करने से बाज नहीं आ रहा है,अगर कोरोना संक्रमण के दौरान किसी भी छात्र छात्रा की मौत होती है तो उसका जिम्मेदार इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन होगा।

छात्र नेता सत्यम कुशवाहा ने कहा कि प्रशासन के छात्र विरोधी फैसले के खिलाफ लड़ाई अंत तक जारी रहेगी।

इस दौरान भूदेव यादव कुंवर साहब सिंह आयुष मौर्य सम्राट अभिषेक यादव नितेश गुप्ता रोहित पांडे समेत सैकड़ो अन्तवासी मौजूद रहे।

संवाददाता मोहम्मद साबिर

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