उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में पंचायत चुनाव से पहले फर्जी वोटरों का वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने का बड़ा मामला प्रकाश में आया है।अपने खास को प्रधान बनाने की चाहत रखने वाले राजनीतिक लोग हर तरह का हथकंडा अपना कर प्रधान बनकर प्रधानी की कुर्सी पर कब्जा करने में लगे हैं।इसके लिए अब संभावित उम्मीदवार बाहरी वोटरों को गांव का प्रथम नागरिक बनाने की जबरदस्त होड़ में लगे हैं।
बड़ा खेल वोटर लिस्ट में
हरैया तहसील के कई गांवों में संभावित प्रधान पद के उम्मीदवारों ने वोटर लिस्ट में बड़ा खेल कराया है।प्रकाश में आया मामला दुबौलिया ब्लॉक के धरमुपुर एहतमाली गांव का है,जहाँ पर बीएलओ और सुपरवाइजर आर्थिक और राजनैतिक दबाव में अंबेडकरनगर जिले के करनपुर बर्साव गांव के ग्रामीणों को बस्ती के धर्मूपुर एहतमाली गांव का फर्जी वोटर बना दिया। ये इस वजह से किया गया कि जब वोट पड़े तब ये सब उस प्रधान के पक्ष में वोट करें और इन फर्जी वोटरों के बल पर उम्मीदवार को जीत मिल जाए।
शिकायत की ग्रामीण ने
बूथ लेवल अफसर ने फर्जी वोटरों को असली घोषित कर उन्हें लिस्ट में जोड़ दिया और वोटर भी बना दिया। इस बात की जानकारी जैसे ही गांव के जागरूक नागरिक राकेश सिंह को हुई तो उन्होंने तहसील के अधिकारियों से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की।
जाने क्या है पूरा खेल
आपको बताते चले कि धरमुपुर गांव में फर्जी वोट डालने की पूरी साजिश तैयार हो चुकी है। दूसरे जिले के 150 से अधिक वोटरों को इस गांव का गलत तरीके से वोटर कार्ड बना दिया गया है। ये सभी फर्जी वोटर बॉर्डर पर गांव बसा होने की वजह से दो जिलों में शामिल होकर सरकार की योजनाओं की दोनों हाथों छक कर मलाई खा रहे हैं।बस्ती में भी इन सभी 150 फर्जी वोटरों ने राशन कार्ड से आधार कार्ड तक बनवा लिया है।जबकि वे सभी 30 साल से अंबेडकर नगर जिले में निवास कर रहे हैं।
वोटर नहीं डाल पाएंगे फर्जी वोट
फिलहाल इस मामले में अब आईएएस अधिकारी अनुपम मिश्रा ने कार्रवाई करने की बात कही है। मामले को लेकर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने बताया कि प्रकरण उनके संज्ञान में आया है और जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।फर्जी वोटर वोट नहीं डाल पाएंगे और अगर सरकारी योजना का दो जगह लाभ लिया जा रहा है तो उसकी भी जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी।