हत्या के अभियोग से संबंधित 01 अभियुक्त गिरफ्तार, नशीली दवाओं के इंजेक्शन व खाली शीशियां बरामद, घटना में प्रयुक्त मोटर साइकिल को किया गया सीज

प्रतापगढ। महेशगंज थाना क्षेत्र के टांडा बाजार में 3 दिसंबर को सड़क के किनारे युवक का शव मिला था जिसका पहचान शिखर तिवारी 19 पुत्र दिनेश तिवारी निवासी मनीपुर थाना लालगंज के रूप में हुई थी।मृतक के चाचा की तहरीर के आधार पर महेशगंज थाना पर एक नामजद सौरभ मिश्र पुत्रपारसनाथ मिश्र निवासी पूरे मकसूदन का पुरवा थाना संग्रामगढ़ व कुछ अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुक़दमा दर्ज कर लिया था जिसके बाद हत्या में नामजद युवक की तलाश में पुलिस दबिश दे रही थी मुखबिर की सूचना पर हत्या में नामजद युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।जिसको लेकर पुलिस ने गिरफ्तार युवक से हत्या करने की वजह जानी तो सब दंग रह गए।

गिरफ्तार युवक के नियमानुसार पुलिस अभिरक्षा में लेकर उसकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त 02 इस्तेमाल सिरंज मय निडिल व इंजेक्शन एविल वायल की 02 अदद खाली शीशी, 02 अदद माचिस की डिब्बी, 01 अदद बीड़ी का खुला पैकेट थानाक्षेत्र महेशगंज के टांडा बाजार के पास एक खेत से बरामद किया गया। बरामद मोटर साइकिल के अन्तर्गत धारा 207 एमवी एक्ट में सीज किया गया

पुलिस के अनुसार हत्यारे ने क्या बताया

पूछताछ में अभियुक्त सौरभ मिश्रा द्वारा बताया गया कि मृतक शेखर तिवारी मेरा मित्र था जिसकी मैने हत्या कर दी है। हम दोनो स्मैक लेने के आदती थे, दिनांक 29.11.2022 को मैं अपनी मोटर साइकिल लेकर मृतक के घर गया था तथा उसके घर वालों को ये बताकर कि हम लोग प्रयागराज जा रहे हैं वहां से हम दोनो चले आये थे लेकिन प्रयागराज न जाकर मैं, मृतक को लेकर अपने घर चला आया था। हम लोगों का प्लान था कि एक-दो दिन में प्रयागराज जायेंगे और वहां वेटर की नौकरी करेंगे तथा उससे जो पैसा मिलेगा उससे अपने नशे की लत को पूरा करेेंगे। एक-दो दिन टांडा बाजार के आसपास घूमते फिरते रहे और अपने नशे की लत को पूरा करते रहे और रात में मेरे घर में जाकर हम लोग सोते थे। मेरे घर में मेरे अलावा और कोई नहीं रहता है, मेरे माता पिता नोएडा में रहते हैं। दिनांक 02.12.2022 को हम दोनो लोग सुबह ही मेरे घर से निकले और दिन भर इधर उधर घूमते रहे और रात को करीब 09ः00 बजे हम लोग टांडा बाजार आये जहां पर बाजार लगती है। उससे कुछ दूरी पर सरपत की झाड़ी के बीच गढ्ढेनुमा जगह में हम दोनो लोग बैठकर नशा किये। मृतक लालगंज से किसी दुकान से एविल वायल की कई शीशियां लेकर रखे था जिसका उपयोग हम लोग नशा करने में करते थे। 1800/- रुपये की स्मैक मैं पहले से लेकर रखा था जिसको मानिकपुर में एक व्यक्ति ने मुझे दिया था उसका नाम पता मैं नहीं जानता हूॅ। उस दिन मृतक के पास एविल वायल की 03 शीशियां बची हुईं थी जिसमें से एक-एक शीशी में स्मैक डालकर वहीं आग जलाकर गरम कर हम दोनों में से प्रत्येक ने 05-05 एमएमल दो बार में कुल 10-10 एमएल प्रत्येक ने इंजेक्शन से ले लिया था। जिस कारण नशा ज्यादा हो गया था। सामान्यतः 05 एमएल एक बार में हम लोग लेते थे परन्तु उस दिन डोज ज्यादा हो गई थी। नशे में हम लोग वहीं सो गये थे। रात में लगभग 12 बजे मेरी नींद खुली तो मैनें मृतक को जगाया और उससे कहा एविल वायल मुझे दे दो मुझे और नशा करने का मन कर रहा है। इस पर मृतक कहने लगा कि नहीं अब एक ही शीशी बची है सुबह करेंगे। जिस पर मैं जिद करने लगा तो वह मुझे माॅ बहन की गाली देते हुए वहां से उठकर चल दिया। पीछे-पीछे मैं भी पैदल ही चल दिया कुछ दूर जाने पर टांडा बाजार से मुरैनी की तरफ कच्ची पगडण्डी के पास वह पंहुचा ही था कि मैं उसे पकड़कर रोक लिया और उसके जेब से एविल वायल की शीशी निकालने लगा तो उसने मेरा हाथ झटक दिया और मुझे माॅ बहन की गाली देते हुए मेरी बहन के बारे में उलटा सीधा बोलने लगा तो मैं उसे धक्का दे दिया तो वह वहीं लुढ़ककर लेट गया मैं उसके सीने पर चढ़कर उसकी गर्दन पकड़ लिया और थोड़ी देर बाद जब उसने कोई हरकत नहीं की तो मैं डर गया और उसे पगडण्डी की खाई में धकेल दिया और वहां से अपनी मोटरसाइकिल के पास आकर स्टार्ट कर भाग आया। मृतक का मोबाइल के बारे में पूछने पर बताया कि वहां से भागते समय अपने पैंट की जेब में रख लिया था लेकिन हड़बड़ी में सही से न रखने की बजह से वह कहीं गिर गया।

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