पैसे ले कर हत्या करने वाले दो किलर को 15 साल बाद उम्रकैद की सजा एक की हो चुकी है मौत एक आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी
प्रतापगढ़। जनपद न्यायालय के एफटीसी कोर्ट ने 15 साल पहले हुए एक अधेड़ की हत्या के आरोपियों श्यामू तिवारी व रामू तिवारी पुत्र रामाशंकर को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा दी एक आरोपी रमाशंकर तिवारी की पहले ही हो चुकी है मौत एक आरोपी सजन लाल केसरवानी साक्ष्य के अभाव में बरी हुआ वादी मुकदमा के वकील मो नसीम खां ने आरोपियों की फांसी की सजा मांगी थी।
पूरा मामला। प्रतापगढ़ जनपद के संग्रामगढ़ थाना क्षेत्र के बाजार की है जहां पन्द्रह साल पहले 16 अप्रैल 2008 को मानिक चंद केसरवानी अपने घर से कुछ दूर पर स्थिति अपने दूसरे घर पर जाने के लिए शाम लगभग 7:45 बजे निकले थे। आरोप था की पहले से घाट लगाए बैठे बाबागंज बाजार निवासी सजन लाल केसरवानी पैसा दे कर रमा शंकर तिवारी उसके दो पुत्र श्यामू तिवारी व रामू तिवारी निवासी तिवारी का पुरवा थाना संग्रामगढ़ ने मानिक चंद केसरवानी की बे रहमी से हत्या कर दी जिससे वहां सनसनी फ़ैल गई थी आवाज सुन कर पास पड़ोस के लोग गए तो देखा खून से लथपथ मानिक चंद केसरवानी जमीन पर पड़े थे उनके परिजन भी वहां पर आ गए सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची पुलिस ने मानिक चंद केसरवानी को अस्पताल भेजा जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित के दिया जिसकी सूचना मिलते ही परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हुआ जिसके बाद पुलिस ने बाजार में आक्रोश को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद थी मृतक के बेटे अशोक केसरवानी ने रमा शंकर तिवारी,रामू तिवारी,श्यामू तिवारी व सजन लाल केसरवानी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था।
एफटीसी फॉस्ट कोर्ट में लंबे समय से मुकदमा चल रहा था। ट्रायल के समय 10 गवाह पेश किए गए वादी मुकदमा की तरफ से उनके अधिवक्ता मोहम्मद नसीम खां पूर्व एडीजी ने बड़ी मजबूती और सबूत के साथ आरोपियों के खिलाफ लड़े और आज सोमवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया की मानिक चंद केसरवानी की हत्या के आरोप में दोषी पाते हुए रामू तिवारी श्यामू तिवारी को आजीवन कारावास की सजा और सजन लाल केसरवानी जिन पर हत्या करने की साजिश का आरोप था उनको कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया एक आरोपी रमाशंकर तिवारी की मौत हो चुकी है।
कोर्ट का फैसला सुनने के बाद मृतक के बेटे वादी मुकदमा अशोक केसरवानी भावुक हुए उनके पिता को किस तरह से हत्या हुए थी उसको सोच एक भावुक हुए और उनके पिता के हत्यारे को सजा मिली एक आरोपी के बरी होने पर मायूस थे।
वादी मुकदमा ने कहा कि कोर्ट का फैसला आया हम उसका सम्मान करते है लेकिन जिस तरह से बे रहमी से मेरे पिता की हत्या हुई थी उसी तरह अगर सभी को फांसी की सजा मिलती तो मेरे पिता के आत्मा को शांति मिलती लेकिन उम्रकैद की सजा मिली है एक आरोपी बरी हुआ है दुख है।सब बड़े दबंग किस्म के लोग है हिस्ट्रीशीटर है कई थानों में लूट हत्या, हत्या के प्रयास,जैसे गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है हम आगे की कोर्ट में जायेगे सजा दिलवाए
वादी मुकदमा के वकील ने कहा की फांसी की सजा होनी चाहिए थी लेकिन कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी है वही मुख्य साजिश कर्ता को कोर्ट ने बरी कर दिया हम होई कोर्ट जायेगे और सभी को फांसी दिलाएगी