डीएम संजीव रंजन का तबादला, शिव सहाय अवस्थी को बने प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी
आधी रात को किया गया 31 आईएएस ऑफिसर का तबादला,

बिहार राज्य के नालंदा जिले के रहने वाले संजीव रंजन 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. पढ़ाई की बात करें तो IAS संजीव रंजन ने बीटेक किया है. जिलाधिकारी के रूप में उनकी पहली तैनाती यूपी के संभल जिले में हुई थी. उसके बाद सिद्धार्थनगर में डीएम पद का दायित्व संभाला. अब उनकी तैनाती प्रतापगढ़ जिले में हुई है. वह गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ भी रह चुके हैं. कुशीनगर में संयुक्त मजिस्ट्रेट व सहारनपुर में सीडीओ पद का दायित्व भी निभा चुके हैं. आईएएस संजीव रंजन का जन्म साल 1981 में हुआ था.
सितंबर 2023 में शासन ने आईएस संजीव रंजन को प्रतापगढ़ के जिला अधिकारी के रूप में भेजा तो जिले की हालत थोड़ा खराब थी नवर्तमान जिलाधिकारी का अचानक ट्रांसफर हुआ था लेकिन IAS संजीव रंजन ने अपने कुशल निर्देशन में और अपने बेहतरीन कार्य शैली से जनपद को एक बेहतरीन माहौल के साथ-साथ जनपद के कामों को शासन की योजनाओं को आगे बढ़ाया
लोकसभा चुनाव 2024 को भी सफलतापूर्वक कराया जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए IAS संजीव रंजन की जमकर जनपद में तारीफ भी हुई किसी विशेष आयोजन और चुनाव स्थिति न होने पर प्रतिदिन कार्यालय में बैठकर दूर दराज से आए हुए फरियादियों की समस्याओं को सुनकर त्वरित निदान करने के लिए ज्यादा लोकप्रिय हो गए थे डीएम साहब
तहसील दिवसों में लेखपाल कानूनगो नायब स्तर के अधिकारियों कर्मचारियों तक को फटकार लगाकर करते थे फरियादियों की समस्याओं का निस्तारण आए दिन कैंप कार्यालय व अपने कार्यालय में समस्त योजनाओं को लेकर अन्य अन्य विभागों की बैठक करते रहे और सरकार की योजनाओं को पहनाते रहे अमली जामा
राजधानी के नजदीक अलीगढ़ जैसे महत्वपूर्ण शहर में मिली है जिलाधिकारी के रूप में पोस्टिंग जिसके लिए हम जनपद वासी उन्हें बधाई देते हैं कि जीवन में उन्हें एक और जिले का जिलाधिकारी बनने का मौका मिला है
वैसे प्रतापगढ़ में बहुत कम जिलाधिकारी रहे हैं जिन्हें जनता याद करती हैं लेकिन प्रतापगढ़ के जनता के मन में IAS संजीव रंजन का नाम दर्ज हो गया है जिसकी वजह सिर्फ और सिर्फ उनकी सरलता और सहजता के साथ काम करने की शैली है
DM Sanjeev Ranjan: कहते है कि जब हजारों लाखों लोगों की आप उम्मीद होते हैं तो उन पर खरा उतरने के लिए कड़े फैसले लेना जरूरी हो जाता है. क्योंकि हर काम को आप सीधे जनता से जुड़कर नहीं कर सकते हैं. आपको अलग अलग विभागों में काम करने वाले लोगों की निगरानी करनी पड़ती है और कई बार जनता की समस्याएं सुनने के लिए डायरेक्ट जनता से जुड़ना भी पड़ता है. आज हम बात कर रहे हैं प्रतापगढ़ के डीएम संजीव रंजन की, जिन्होंने लेखपाल की शिकायत मिलने पर ऑन द स्पॉट सस्पेंड करने का आदेश दे दिया.
