करोड़ों हिन्दू मुसलमानों, सिख ईसाइयों की आस्था को एक बेलगाम पुलिस अधिकारी इस तरह से बोलकर आस्था से खिलवाड़ कर रहा है जिसे फौरन पदमुक्त करके भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लेनी चाहिए।


संविधान की शपथ लेने वाले लोग कैसे किसी की आस्था का खिलवाड़ कर लेते हैं, उनपर क्यों डीजीपी साहब या सरकार लगाम नहीं लगाती है? क्या दंगा भड़काना चाहते हैं ऐसे अधिकारी?


इसी देश में राम की पूजा होती है तो रावण की भी होती है तो क्या एएसपी साहब ने उसपर कभी अपनी बयानबाज़ी की?
इसी देश में करीब दस जगह पर रावण के मंदिर हैं और उसकी पूजा की जाती है जिसमें से प्रमुख रूप से मध्यप्रदेश के मंदसौर में रावण की विशाल प्रतिमा है और विदिशा में भी है, मध्यप्रदेश के उज्जैन के चिखली गाँव में पूजा होती है, उत्तर प्रदेश के कानपुर में दशानन मंदिर है और बिसरख में रावण का मंदिर है जिसे उनकी जन्मस्थली बताई जाती है, जसवंतनगर में आरती उतारकर पूजा की जाती है,

महाराष्ट्र के अमरावती में गढ़चिरौली में पूजा होती है, हिमाचल के कांगड़ा ज़िले में पूजा की जाती है, आंध्रप्रदेश के काकीनाड में रावण का मंदिर है, राजस्थान के जोधपुर में रावण का मंदिर है, कर्नाटक के मंड्या के मलवल्ली ताल्लुक़ा में रावण का मंदिर है, दक्षिण भारत मे रावण का दहन दुर्गुणों का दहन माना जाता है. इसके अलावा, गोंड जनजाति में भी रावण की पूजा की जाती है. क्या कोई मुसलमान आजतक इन रावण पूजने वालों का समर्थन किया है या राम को लेकर इस तरह से बयानबाज़ी किया है?


सबको अपनी मर्ज़ी से पूजा करने की आज़ादी है। और यह अधिकार संविधान ने ही दिया है। लेकिन सम्भल के ASP श्रीशचंद्र उसी संवैधानिक अधिकार को नज़र अंदाज़ कर रहे हैं। उन्हें रावण की पूजा से समस्या नहीं है, उनकी सारी समस्या सैयद सालार मसूद गाज़ी र.अ. से है।
ऐसे बेलगाम अधिकारियों और इनका समर्थन करने वाले लोगों पर फौरन रोक लगनी चाहिए।


डीजीपी साहब को खत लिखकर इसपर कार्यवाही की मांग की जा रही है बाक़ी कोर्ट के ज़रिए इन जैसे अधिकारियों को नोटिस भेजने की क़वायद पूरी कर ली गई है!
जो मेला हज़ार साल से लगता आ रहा है आगे भी लगेगा इसपर किसी से कोई समझौता नहीं होगा!

फैजुल हसन की फेसबुक वॉल से

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