मुस्लिम समाज द्वारा निकाह को आसान बनाने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है और धीरे धीरे रंग भी आ रहा है।हाल ही में एक शादी ऐसी हुई है जिसमें दहेज नहीं लिया गया और ना ही कोई फिजूल रस्म की अदायगी की गई बल्कि लड़के ने खुद अपने पैसे के समान खरीद कर घर में दुल्हन के आने से पहले रख दिए ताकि आने वाली बच्ची को एहसास ना हो।

प्रतापगढ/रानीगंज। प्रतापगढ जनपद के तहसील रानीगंज क्षेत्र के मेढौली गांव के जिब्रान अहमद (24)पुत्र इसरार अहमद मुंबई में रह कर अपना कारोबार करते है। जिब्रान की शादी 1 नवम्बर को हुई जिसका क्षेत्र में चर्चा बनी रही वजह ये था की लड़के पक्ष के लोग लकड़ी पक्ष से दहेज व एक पैसा का सामान नही लिया गया। बल्कि लड़के पक्ष ने सभी समान अपने पैसे के खरीद कर घर में दुल्हन के आने से पहले रख दिए।

दूल्हे ने कहां की दहेज की वजह से बहुत सारी ऐसे गरीब परिवार हमारी बहनों की शादी नहीं हो पाती रही है। हमें दहेज वाला रस खत्म करना ही होगा किसी को इसकी शुरुआत करनी ही होगी इसी वजह से मैं निकाह को आसान बनाने दहेज प्रथा व फिजूलखर्ची रोकने पर अपनी तरफ से कोशिश किया इंशाल्लाह और भी हमारे बहुत भाई लोग भी बिना दहेज, फिजूल खर्ची के बिना शादी करेगे एक दिन समाज में बदलाव जरूर आयेगा

जैसे कि सब जानते है कि दहेज प्रथा के चलते बहुत से लोग अपनी बेटियों का समय पर निकाल नहीं कर पाते इससे समाज में तरह तरह की बुराइयां आम होती हैं।

ऐसे में बिना दहेज़ सादगी से निकाह इस्लाम धर्म सिखाता है इसीलिए बिना किसी रीति-रिवाज और रस्मों के यह निकाह हुआ निकाह मस्जिद में हुआ और निकाह के पहले खुत्बा भी दिया गया अच्छे और बेहद समाज बनाने के लिए दहेज के खात्मे पर जोर दिया गया कहा गया कि जो पैसा शादियों में झूठी शान दिखाने के लिए खर्च किया जाता है वह बच्चों की आला तालीम पर खर्च किया जाना चाहिए कई बार ऐसा भी होता है कि शादियों में कर्ज लेकर खर्चे किए जाते हैं जो बाद में चिंता का कारण बन जाता है इसीलिए मस्जिद में दिए गए खुत्बा के द्वारा निकाह आसान बनाने पर ज़ोर दिया जाए। क्षेत्र व उपस्थित लोगों ने इस शादी पर दूल्हे व उसके परिजनों की प्रशंसा की हमे सब को बिना दहेज शादी करनी चाहिए इस पर सब का साथ होना चाहिए तभी बदलाव संभव होगा।

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