देश की गांव में छिपी है प्रतिभा जिसे साबित कर रहा एक मदरसा में पढ़ने वाला छात्र अपने स्कूल की बिल्डिंग को घर में पड़े कूड़े कबाड़ से डिजाइन कर सब को चौंका दिया छात्र के पिता टमटम चला कर परिवार जनों का पालन पोषण करते है।

मदरसा का छात्र दिलशाद जिसके द्वारा तैयार किया गया भवन

प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ जनपद के रानीगंज थाना क्षेत्र के पुरेगिलिया के रहने वाले सादिक अली उर्फ लल्लू का पोता दिलशाद अली (12) घर अपने अपने पिता आजाद अली और मां के साथ रहता है जो अपने क्षेत्र के ही अल्फारुख मदरसे में शिक्षा हासिल कर रहा है ।जिस मदरसा में पढ़ता है वहा बने भवन को दिलशाद अपने हाथ और दिमाक ने भवन को घर में कूड़े में खराब गत्ते को इकठ्ठा कर के लगातार निरंतर प्रयास से हुबहू अपने दीमाक से भवन को बना दिया भवन में लगे खिड़की,गेट,ग्रील,सभी एक जैसे बना दिया है।

उस की ऐसे प्रयास को हमारी रुबरु इंडिया न्यूज़ के संपादक रुस्तम अली ने देखी तो उसके मांइड को प्रयास मेनहत को आप सब के सामने ले कर आए

बात चीत में दिलशाद के पिता आजाद ने बताया कि जब यह छोटा था तभी से इसको नया नया ऐसे अपने प्रयास और माइंड से कुछ ऐसे ही काम आए दिन करता रहता था जब की इसकी मां डाट फटकार लगती रहती की पढ़ने लिखने का नही कबाड़ इकठ्ठा कर के घर में फैलाया है कभी कभी तो पिटाई भी करती थी।

दिलशाद द्वारा बनाया गया अपने स्कूल का भवन

ब वह कबाड़ इकठ्ठा कर के अपने मदरसा का भवन को दिमाक़ का इस्तेमाल कर के इस को बना रहा था तब भी घर में इसको फटकार लगाते हुए पिटाई किए थे की ये सब न कर के पढ़ाई पर ध्यान दो लेकिन यह हम सब से छुप के इस को दिन रात उसी में लग के अकेले बना के तैयार कर दिया लेकिन हम सब इसको इसके काम को हमेशा गलत ही कहा है लेकिन आज आप ने इसके मांइड के और इसके हौसले को देखा तो हमे भी अब इसके कार्य और लगाव को देख कर हमे खुशी हो रही है। और दिलशाद भी आगे चल कर इंजीनियर बनना चाहता है ।अब उसको दिन रात मेहनत कर के पढ़ाई करवाएंगे

जानकारी के लिए आप को बता दे की दिलशाद के पिता आजाद अली भी अपने अजीबोगरीब कार्य के लिए जाने जाते है कभी कभी ऐसे चलते चलते सड़क पर हाथ से उल्टा चलने लगते,जिस बिच्छू से हम सब डरते है वह उसको जेब में रख लेता है ऐसे ही कई किस्सा उसके साथ जुड़ा है।

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